नया मोटर व्हीकल एक्ट / केंद्र ने कहा- एक्ट लागू करना ही होगा, नाथ बोले- अध्ययन कर फैसला लेंगे
- केंद्र- यदि वे एक्ट लागू नहीं करते हैं तो सीएजी भी राज्य को लाॅस स्टेट की श्रेणी में डाल सकता
- नाथ- अधिकारियों को पड़ोसी राज्यों का अध्ययन कर प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए
भोपाल. नए मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर मप्र, राजस्थान और पश्चिम बंगाल की सरकारों की ना-नुकुर के बाद सोमवार को केंद्र सरकार ने स्पष्टीकरण जारी किया। सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने कहा कि संशोधित बिल राज्यों की मर्जी पर निर्भर नहीं है। यह कानून बन चुका है और पूरे देश में एक सितंबर से लागू हो गया है। ऐसे में इसे सभी राज्यों को हर हाल में लागू करना ही होगा।
वहीं, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि एक्ट का अध्ययन कराने के बाद जनहित में फैसला लेंगे। उल्लेखनीय है कि राजस्थान, मध्यप्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित कुछ राज्यों ने मोटर व्हीकल संशोधित बिल समीक्षा के बाद लागू करने की बात कही है।
फैसला तानाशाही भरा
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन ने कहा कि नया एक्ट तानाशाही भरा है। इसका शिकार गरीब व मध्यम वर्ग होगा। यदि गलती से भी नियम टूटा तो कुछ लोगों को गाड़ी बेचकर ही जुर्माना भरना पड़ेगा।
केंद्र का तर्क
एक्ट के 93 संशोधनों में से 63 लागू कर दिए हैं। यह राज्यों को मानने होंगे। राज्यों को सेक्शन 200 के तहत सिर्फ कंपाउंडिंग का अधिकार दिया गया है। अन्य कोई अधिकार उन्हें नहीं दिए। यदि वे एक्ट लागू नहीं करते हैं तो सीएजी भी राज्य को लाॅस स्टेट की श्रेणी में डाल सकता है।
नाथ का तर्क
समझौता शुल्क को लेकर हमें निर्णय लेने का अधिकार है। अधिकारियों को पड़ोसी राज्यों का अध्ययन कर प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए हैं।